top of page
Featured Posts
Check back soon
Once posts are published, you’ll see them here.
Recent Posts
Archive
Search By Tags
Follow Us
श्रवणबेलगोला नगर जिनालय
भण्डारी बसदि यह इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बसदि है। इसकी लंबाई-चैड़ाई 266 फीट है। तीन दरवाजों को पार कर गर्भगृह में काले पाषाण की खड्गासन...
मन मोह लेता है चंद्रगिरि पर्वत का वैभव
चंद्रगिरि पहाड़ी पर आचार्य श्री नेमीचंद्र सिद्धांत चक्रवर्ती के निर्देशन में महामंत्री चामुंडराय ने एक तीर छोड़ा, जो इस पहाड़ी के सामने...
अतुलनीय है विंध्यगिरि पर्वत
दो ड्इबेट्ट, बडा कल्वप्पु (पेरकलवप्पु), इंद्रगिरि, बड़ा पहाड़ आदि सभी विंध्यगिरि पर्वत के ही अन्य नाम हैं। इसकी समुद्रतल से ऊंचाई 3343...
प्रतिपल रच रहा नया इतिहास श्रवणबेलगोला
श्रवणबेलगोला एक जीवंत तीर्थ है। गति के साथ विकास और धर्म के साथ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नित नया इतिहास रचने वाला आत्मसाधना का...
शब्दों का उपयोग क्यों
जगत्गुरु जगत्गुरु शब्द धर्मगुरु के अर्थ में प्रयुक्त शब्द है। यह कर्नाटक की सांस्कृतिक परंपरा है और प्राय: सभी मठाधीशों जैनेतरों पर भी...
महामस्तकाभिषेकों की परम्परा
2018 में जो भगवान बहुबली स्वामी जी का महामस्तकाभिषेक होने जा रहा है, वह 86वां महामस्तकाभिषेक होगा। ऐसा स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक...
सब से विशाल गोम्मेटेश्वर की मूर्ति
बाहुबली प्रतिमाएं (डॉ. सत्यप्रकाश जैन के लेख में कुछ हिस्सा ) श्रवणबेलगोला में पाई जाने वाली अन्य सैकड़ों सुंदर मूर्तियों का महत्व बड़े...
भट्टारक की परंपरा
इतिहास गवाह है कि समय के साथ श्रद्धा,ज्ञान और आचार में शिथिलता आती जा रही है साथ ही हिंसा,झूठ,चोरी, का आतंक भी बढ रहा है । ऎसी...
चामुंडराय और श्रवणबेलगोला का आध्यात्मिक संबंध
गंगराज राचमल्ल की राजधानी तलवनपुर के महामंत्री और सेनाध्यक्ष चामुंडराय का श्रवणबेलगोला आगमन तीर्थ यात्रा के निमित्त हुआ। यात्रा का उदेश्य...
चंद्रगिरि पर भद्रबाहु स्वामी और चन्द्रगुप्त मौर्य का आगमन- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
श्रवणबेलगोलाके चन्द्रगिरि पर्वत के प्राचीन नाम तो कटवप्र, तीर्थगिरी, ऋषिगिरी, छोटा पहाड़, नाभिक पहाड़, चिक्क बेट्टा आदि हैं लेकिन मुनि...
bottom of page