top of page

महामस्तकाभिषेकों की परम्परा


2018 में जो भगवान बहुबली स्वामी जी का महामस्तकाभिषेक होने जा रहा है, वह 86वां महामस्तकाभिषेक होगा। ऐसा स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामी जी श्रवणबेलगोला ने अपनी एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था पर इतिहास के पन्नों पर देखें तो 2018 का महामस्तकाभिषेक 22वां महामस्ताभिषेक होगा। जिसने सन् और किससे द्वरा करवाया गया उसका वर्णन किया गया। 86वां मस्तकाभिषेक तो इसे लिए कहा जा रहा है कि 981 में बाहुबली भगवान की प्रतिमा की स्थापना हुई थी। तब प्रथम महामस्तकाभिषेक हुआ, उसके बाद से हर बारह वर्ष में मस्तकाभिषेक हुआ होगा। भगवान् बाहुबली की प्रतिमा की स्थापना के वर्ष 2018 में 1037 वर्ष पूरे हुए हैं। भगवान बाहुबली की प्रतिमा की स्थापना ईस्वी सन 981 में हुई थी। -981 ई. में चामुण्डाराय द्वारा -31 जनवरी, 1398 में पण्डिताचार्य द्वारा -1612 में शांतिवर्णी द्वारा -1659 में मैसूर नरेश दोड्ड देवराज द्वारा -1672 में मैसूर नरेश दोड्ड देवराज द्वारा -1655-75 में नरेश चिक्क देवराज वाडियार द्वारा -1677 में मैसूर राज के महामंत्री विशालाक्ष द्वारा -1800 ई में मैसूर महाराजा भुम्मदी कृष्णराज वाडियार (तृतीय ) द्वारा (शिलालेख) -1825 ई. में पुन कृष्णराज वाडियार द्वारा(शिखालेख) -1827 ई. एक और मस्तकाभिषेक हुआ। ----1879 -71ई. में कैप्टन मैकेंजी द्वारा वर्णित इण्डियन -14 मार्च, 1887 में लक्ष्मीसेन भट्टारक कोल्हापुर द्वारा (इपी.कर्ना.भग-2 ) 1900 ई. श्री लक्ष्मीसेन भट्टारक कोल्हापुर द्वारा -1910 ई. (30 मार्च) में भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा -1925 ई.(15 मार्च) में भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा -1940 ई.(26 फरवरी) में मैसूर राज्य के तत्वाधान में -5 मार्च, 1953 को मैसूर राज्य के तत्वाधान में -30 मार्च, 1967 को कर्नाटक शासन एवं एस.डी.जे.आई.मैनेजिंग कमेटी के तत्वाधान में -22 फरवरी, 1981 में एस.डी.जे.आई.मैनेजिंग कमेटी के तत्वाधान में -19 दिसम्बर, 1993, एस.डी.जे.आई.मैनेजिंग कमेटी के तत्वाधान में -9 फरवरी, 2006 में एस.डी.जे.आई.मैनेजिंग कमेटी के तत्वाधान में -अब होगा 17 फरवरी, 2018 में [if !supportLineBreakNewLine] [endif]

bottom of page