समय के साथ बदला महामस्तकाभिषेक का स्वरूप, नहीं बदलीं तो बस परंपराएंपहले बैलगाड़ी से आते थे लोग, अब हवाई जहाज से। 1925 में महामस्तकाभिषेक की खबर कबूतर के जरिए मद्रास भेजी गई थी। अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर...